वही दिन बना मेरा प्रेरणा स्त्रोत वही दिन बना मेरा प्रेरणा स्त्रोत
आज वो डरना नहीं चाहती उसने अंडे दिए हैं, आज वो डरना नहीं चाहती उसने अंडे दिए हैं,
या चाहे वो क्यों ना हो धरती माता हमारे देश भारत की। या चाहे वो क्यों ना हो धरती माता हमारे देश भारत की।
तेरी हस्ती को गद्दार क्या समझेगा ! तेरी हस्ती को गद्दार क्या समझेगा !
मेरा चाँद तो मेरे पास बैठता है। मेरा चाँद तो मेरे पास बैठता है।
काश फुरसत से अगर तुझे चाहा होता काश फुरसत से अगर तुझे चाहा होता